Bedtime Stories For Kids In Hindi | बच्चों और बड़ो के लिए कहानियाँ |
Bedtime Stories For Kids In Hindi | बच्चों और बड़ो के लिए कहानियाँ |
Bedtime Stories: कई लोगों को कहानियां पढ़ते हुए सोने की आदत होती है और किताबें पढ़कर नींद भी अच्छी आती है। यदि आप इस होते हुए कुछ कहानियां पढ़ना चाहते हैं, तो आज हम आपके लिए कुछ ऐसी कहानी लेकर आए हैं, जिन्हें आप सोते समय बेड पर आसानी से पढ़ सकते हैं और एक अच्छी नींद ले सकते हैं।
बेड टाइम स्टोरीज (Bedtime Stories ) पढ़ने के फायदे
इस तरह की स्टोरेज को पढ़ने से आपको कई तरह के फायदे होते हैं, इसके साथ ही आपको सोने में भी काफी मदद करती है और जिसे सोने से पहले आपको कुछ अच्छी प्रेरक बातें भी सीखने को मिलती है। यदि आप पेरेंट्स है तो आप अपने बच्चों को इस तरह की Bedtime स्टोरीज को रात में उन्हें सुना सकते हैं और आप भी इन स्टोरीज का आनंद ले सकते हैं। यदि आपको नींद नहीं आ रही है तो भी आप आपके लिए इन स्टोरीज को यहां पर पढ़ सकते हैं।
किस तरह की स्टोरीज को बेड टाइम पर पढ़ना चाहिए
आप ऐसे तो कहीं तरह की स्टोरी इसको आप पढ़ सकते हैं, लेकिन यदि आप बिस्तर पर सोने जा रही हैं तो आपको कुछ ऐसी किताबें पढ़ना चाहिए, जिसके अंदर ऐसी कहानियां हो जो, आपको किसी तरह की शिक्षा प्रदान करती हो या आपके मन को शांत करती हो। आप इसके साथ धार्मिक किताबें भी पढ़ सकते हैं जो आपके जीवन में कहीं तरह से मार्गदर्शन प्रदान करती है। इसके साथ ही आप जिज्ञासा जगाने वाली और आप शैक्षणिक और मनोरंजक किताबें भी पढ़ सकते हैं।
बेड टाइम स्टोरीज में किन कहानियों को नहीं पढ़े
यदि आप सोने जा रहे हैं तो, आपको किसी भी तरह की ऐसी कहानियों को नहीं पढ़ना चाहिए जिससे आपकी नींद खराब हो जाए आपको किसी चिंता में डालने आपको यहां पर अच्छी से अच्छी कहानियां पढ़नी चाहिए। यह आपको मोटिवेट करती है, आप इस समय डरावनी और किसी तरह के की निराश करने वाली कहानियां ना पड़े। हमेशा सुखद कहानियां पड़े जिनका अंत काफी सुखद होता होता कि, आपको नींद भी अच्छी आए और आपके दिमाग में किसी तरह की कोई चिंता ना रहे।
सबसे बेहतर Bedtime Stories
1. बीरबल की चतुराई | Bedtime Stories for Kids in Hindi
एक बार की बात है राजा अकबर सो कर उठे थे। उन्हें बहुत तेज प्यास लगी थी। जिसके कारण उन्हें अपने सेवकों को पानी के लिए आवाज लगाई लेकिन कोई भी सेवक उनके आसपास नहीं था। एक साफ सफाई करने वाला व्यक्ति राजा अकबर की आवाज सुनकर पानी लेकर आया।
राजा को बहुत प्यास लगी थी इसलिए राजा ने उस सफाई करने वाले व्यक्ति के हाथ से पानी लेकर पी लिया। दोपहर के समय राजा बहुत बीमार हो गए। उनको देखने के लिए राज वैद्य और राज पंडित भी आए।
राज वैद्य की दवाई लेने के बावजूद भी राजा ठीक नहीं हुए तो राज पंडित ने राजा को कहा कि आप पर किसी मनहूस व्यक्ति का परछावा पड़ गया है। राजा को यह बात सुनकर ध्यान आया कि उन्होंने सुबह सफाई करने वाले व्यक्ति के हाथों से पानी लेकर पी लिया था।
उन्होंने सोचा यह जरूर उसी का परिणाम है। राजा ने उस व्यक्ति को बंदी बनाकर मृत्युदंड की सजा देने को कहा। जब बीरबल को राजा के स्वास्थ्य के बारे में पता लगा तो वह भी उनका हालचाल जानने के लिए अकबर के पास गए।
वहां जाकर बीरबल को सारी बात का पता लगा कि राजा ने सफाई करने वाले व्यक्ति को मनहूस कहकर मृत्यु दंड की सजा दी है। बीरबल कारावास में उसी व्यक्ति से मिलने गए और उस व्यक्ति को सांत्वना दी।
बीरबल इसके बाद अकबर के पास दोबारा गए और राजा अकबर से कहां की मैं आपको इस राज्य में सबसे मनहूस व्यक्ति के बारे में बताऊंगा जो उस सफाई करने वाले व्यक्ति से भी मनहूस है तो आप सफाई करने वाले व्यक्ति को छोड़ देंगे।
राजा ने इसके लिए हामी भरी। बीरबल ने कहा कि राजा आप स्वयं उस व्यक्ति से ज्यादा मनहूस है क्योंकि उस व्यक्ति के हाथ से पानी लेकर पिने से यदि आप बीमार पड़ गए तो उस व्यक्ति को तो सुबह-सुबह आपसे मिलने से मृत्युदंड की सजा मिल गयी।
इससे उस व्यक्ति के लिए आप ज्यादा मनहूस हुए। बीरबल ने हॅसते हुए कहा की लेकिन आप अपने आप को मृत्युदंड की सजा मत देना। यह कहकर बीरबल हंसने लगा। अब अकबर को भी अपनी गलती का एहसास हो गया था उन्होंने उस सफाई करने वाले व्यक्ति को छोड़ने का हुकुम दिया। इस तरह बीरबल की चतुराई के कारण उस व्यक्ति की जान बच गई।
Moral of the story:
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है की हम अपनी सूझ बूझ से किसी भी मुसीबत का हल निकाल सकते है।
2. बंदर और मगरमच्छ | Bedtime Stories in Hindi Panchtantra
एक बार की बात है एक तालाब में एक बुड्ढा मगरमच्छ रहता था। वह बड़ी मुश्किल से शिकार पकड़ पाता था। जिसके कारण उसे कई बार भूखा ही रहना पड़ता था। एक दिन वह तालाब में मछलियां पकड़ रहा था लेकिन बुड्ढा होने के कारण वह कोई भी मछली पकड़ नहीं पाया।
थककर वह तालाब के किनारे जाकर आराम करने लगा। तालाब के किनारे एक जामुन का पेड़ था। जिसके ऊपर एक बंदर जामुन खा रहा था। मगरमच्छ ने बंदर को कहा कि मैं बहुत भूखा हूं इसलिए मुझे कुछ जामुन दे दो।
बंदर ने कुछ जामुन तोड़कर मगरमच्छ को दे दिए। मीठे मीठे जामुन खा कर मगरमच्छ बहुत खुश हुआ। इस तरह जब भी मगरमच्छ शिकार नहीं पकड़ पाता था तो वह बंदर के पास जाकर जामुन मांगता था। इसके बदले में मगरमच्छ बंदर को अपनी पीठ पर बिठाकर तालाब की सैर कराता था।
कुछ दिनों में बंदर और मगरमच्छ अच्छे दोस्त बन गए। एक दिन मगरमच्छ ने कहा कि तुम कुछ जामुन मुझे तोड़ कर दे दो। इसे ले जाकर मैं अपनी बीवी को दूंगा वह भी इतने मीठे जामुन खा कर बहुत खुश हो जाएगी।
बन्दर ने कुछ जामुन तोड़ कर मगरमच्छ को दे दिए। मगरमच्छ जामुन लेकर अपनी बीवी के पास लेकर गया। मगरमच्छ की बीवी ने जामुन खा कर कहा कि यह जामुन तो बहुत मीठे है। यदि यह जामुन इतनी मीठे है तो रोज़ जामुन खाने वाला बंदर का दिल कितना मीठा होगा।
वैसे भी मैंने बहुत दिनों से किसी का मांस नहीं खाया यह कहकर मगरमच्छ कि बीवी मगरमच्छ से बंदर का दिल लाने के लिए कहती है। मगरमच्छ के बहुत बार मना करने के बावजूद भी वह नहीं मानी। मगरमच्छ थक हारकर बंदर का दिल लेने के लिए चला गया।
वह बंदर के पास जाकर बोला कि आज मेरी बीवी ने तुम्हारे लिए बहुत अच्छा पकवान बनाया है इसलिए तुम मेरे साथ चलो बन्दर यह सुनकर बहुत खुश हुआ और मगरमच्छ की पीठ पर सवार होकर जाने लगा। रास्ते में मगरमच्छ ने बंदर को सही बात बता दी कि मेरी बीवी तुम्हारा दिल खाना चाहती है।
बंदर को जब यह बात पता लगी तो वह मगरमच्छ से कहने लगा कि मैंने अपना दिल पेड़ पर रख रखा है। यदि तुम मुझे पहले बताते तो मैं उसे साथ में लेकर आ जाता लेकिन अब हमें दिल लेने पेड़ पर दोबारा जाना पड़ेगा। यह सुनकर मगरमच्छ बन्दर को पेड़ पर ले गया।
पेड़ के ऊपर चढ़कर बंदर ने मगरमच्छ को कहा कि मैं तुमको अपना सच्चा मित्र समझता था लेकिन तुम मुझे आज अपनी बीवी के हाथ मरवाना चाहते थे। तुम बड़े मूर्ख हो क्या कोई अपना दिल निकाल कर जिंदा रह सकता है। अब तुम्हारी मेरी दोस्ती खत्म और तुम्हे अब कोई जामुन भी नहीं मिलेंगे। यह सुनकर मगरमच्छ चला गया।
Moral of the story:
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें मुश्किल वक्त में कभी भी घबराना नहीं चाहिए जिस तरह बंदर ने मुश्किल वक्त में ना घबराते बड़ी चतुराई से काम लिया और अपनी जान बचाई।
3. शेर और चूहा | Short Bedtime Stories in Hindi
एक बार की बात है जंगल में एक शेर था। वह जंगल का राजा था। सभी जंगल के जानवर उससे डरते थे। एक दिन शेर आराम कर रहा था तभी एक चूहा आया और शेर के शरीर पर मस्ती करते हुए कूदने लगा। उसके कूदने से शेर जग गया और उसने चूहे को पकड़ लिया।
शेर के द्वारा पकड़े जाने पर चूहे ने शेर से विनती कि और कहा की वह उसको छोड़ दे जरूरत आने पर वह भी शेर की सहायता करेगा। यह बात सुनकर शेर बहुत हंसने लगा की एक छोटा सा चूहा मेरी क्या सहायता करेगा लेकिन फिर भी उसने उस चूहे को छोड़ दिया।
कुछ दिनों के बाद कुछ शिकारी जंगल में आए। उन्होंने शेर को पकड़ने के लिए एक जाल बनाया। शेर कुछ समय के बाद उस जाल में फस गया और बहुत जोर-जोर से गुर्राने लगा। शेर के फस जाने पर शिकारी शेर को रख कर ले जाने के लिए गाड़ी लेने चले गए।
शेर की आवाज सुनकर चूहा आया। उसने शेर को जाल में फसें परेशान देखा और कहा कि आप फिक्र मत करो। मैं आपको अभी इस जाल से मुक्त कर दूंगा। यह कहकर चूहे ने अपने मजबूत दांतो से जाल को काट दिया। जिससे शेर जाल से आजाद हो गया।
कुछ देर में शिकारी गाड़ी लेकर शेर को लेने आए लेकिन शेर को जाल से छूटा हुआ देखकर भाग खड़े हुए। उसके बाद शेर ने चूहे को जान बचाने के लिए धन्यवाद किया और कहा कि अब तुम जब भी चाहो मेरे शरीर पर कूद कर मस्ती कर सकते हो और तुम्हे जंगल में कोई भी जानवर परेशान करे तो मुझे कहना। इस तरह शेर और चूहा दोस्त बन गए।
Moral of the story:
इस कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है कि हमें किसी को छोटा समझ कर नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।