प्रेरणादायक हिंदी कहानियां Best Motivational Stories In Hindi Pdf Download

Best Motivational Stories In Hindi : जीवन में सफल होने के लिए आपको कई तरह की प्रेरणा की आवश्यकता होती है। उसी तरह से आज हम आपके सामने कुछ ऐसी ही प्रेरणादायक कहानी आज लेकर आये है, जिससे आप और आपके बच्चे इन कहानियो से काफी कुछ सिख सकते है।

यह काहनी आपको अपने बच्चों को कई तरह की प्रेरणादायक शिक्षा प्रदान करने में मदद करती है। इन कहानियों के माध्यम से बच्चों को कुछ ऐसी चीजें सिखा सकते हैं जो कि शायद वह अपने स्कूलों में ना सीख पाएंगे।

कई बार स्कूलों में कुछ विशेष तरह की क्लास लगाई जाती है, जहां पर कुछ कहानियों के माध्यम से बच्चों को सिखाया जाता है इन्हीं प्रेरणादायक कहानियों के आधार पर ही बच्चे काफी कुछ सीख जाते हैं। आज हम आपको इस लेख में कुछ ऐसी ही प्रेरणादायक कहानियां बताएंगे जो कि आपके लिए काफी महत्वपूर्ण होने वाली है।

प्रेरणादायक हिंदी कहानियां

भाग्य और पुरुषार्थ – सफलता पर प्रेरक प्रसंग

एक बार दो राज्यों के बीच युद्ध की तैयारियां चल रही थीं। दोनों राज्यों के शासक एक प्रसिद्ध संत के भक्त थे। वे अपनी-अपनी विजय का आशीर्वाद मांगने के लिए अलग-अलग समय पर उनके पास पहुंचे।
पहले शासक को आशीर्वाद देते हुए संत बोले, ‘तुम्हारी विजय निश्चित है।’
दूसरे शासक को उन्होंने कहा, ‘तुम्हारी विजय संदिग्ध है।’
दूसरा शासक संत की यह बात सुनकर चला आया किंतु उसने हार नहीं मानी और अपने सेनापति से कहा, ‘हमें मेहनत और पुरुषार्थ पर विश्वास करना चाहिए। इसलिए हमें जोर-शोर से तैयारी करनी होगी। दिन-रात एक कर युद्ध की बारीकियां सीखनी होंगी। अपनी जान तक को झोंकने के लिए तैयार रहना होगा।’
इधर पहले शासक की प्रसन्नता का ठिकाना न था। उसने अपनी विजय निश्चित जान अपना सारा ध्यान आमोद-प्रमोद व नृत्य-संगीत में लगा दिया। उसके सैनिक भी रंगरेलियां मनाने में लग गए।
निश्चित दिन युद्ध आरंभ हो गया। जिस शासक को विजय का आशीर्वाद था, उसे कोई चिंता ही न थी। उसके सैनिकों ने भी युद्ध का अभ्यास नहीं किया था। दूसरी ओर जिस शासक की विजय संदिग्ध बताई गई थी, उसने व उसके सैनिकों ने दिन-रात एक कर युद्ध की अनेक बारीकियां जान ली थीं। उन्होंने युद्ध में इन्हीं बारीकियों का प्रयोग किया और कुछ ही देर बाद पहले शासक की सेना को परास्त कर दिया।
अपनी हार पर पहला शासक बौखला गया और संत के पास जाकर बोला, ‘महाराज, आपकी वाणी में कोई दम नहीं है। आप गलत भविष्यवाणी करते हैं।’
उसकी बात सुनकर संत मुस्कराते हुए बोले, ‘पुत्र, इतना बौखलाने की आवश्यकता नहीं है। तुम्हारी विजय निश्चित थी किंतु उसके लिए मेहनत और पुरुषार्थ भी तो जरूरी था। भाग्य भी हमेशा कर्मरत और पुरुषार्थी मनुष्यों का साथ देता है और उसने दिया भी है तभी तो वह शासक जीत गया जिसकी पराजय निश्चित थी।’
संत की बात सुनकर पराजित शासक लज्जित हो गया और संत से क्षमा मांगकर वापस चला आया।

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शिक्षा:-
सच है कि भाग्य भी पुरुषार्थी का साथ देता है ।

एकाग्रता का महत्त्व – हिंदी प्रेरक प्रसंग

वीर बहादुर एक सर्कस में काम करता था। वह खतरनाक शेर को भी कुछ ही समय में पालतू बना लेता था। एक दिन सर्कस में एक नौजवान आया। वह जानवरों के हाव-भाव और हरकतों पर रिसर्च कर रहा था।
उसने वीर बहादुर से कहा, ‘आपका बहुत नाम सुना है। खतरनाक शेर को भी पालतू कैसे बना लेते हैं आप?’ वीर बहादुर ने मुस्कराते हुए कहा, ‘देखो, यह कोई राज नहीं है। तुम बड़े सही मौके पर आए हो। आज ही मुझे एक खतरनाक शेर को पालतू बनाना है। वह कई लोगों को अपना शिकार बना चुका है। तुम मेरे साथ चलना और वहां खुद देखना कि मैं कैसे यह काम करता हूं।’
नौजवान ने देखा कि वीर बहादुर ने अपने साथ न कोई हथियार लिया और न ही बचाव के लिए कोई दूसरी चीज। उसने अपने साथ बस एक लकड़ी का स्टूल लिया है। वह हैरान था कि स्टूल से वीर बहादुर खतरनाक शेर को कैसे काबू कर लेगा। शेर जैसे ही वीर बहादुर की तरफ गरज कर लपकता, वह स्टूल के पायों को शेर की तरफ कर देता।
शेर स्टूल के चारों पायों पर अपना ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करता और असहाय हो जाता। ध्यान बंटने के कारण कुछ ही देर बाद शेर वीर बहादुर का पालतू बन गया। इसके बाद वीर बहादुर ने नौजवान से कहा, ‘अक्सर ऐसा होता है कि एकाग्र व्यक्ति साधारण होने पर भी सफल हो जाता है, लेकिन असाधारण व्यक्ति भी ध्यान बंटने के कारण शेर की तरह पराजित हो जाता है।’
नौजवान ने तभी तय कर लिया कि वह जीवन में हर काम एकाग्र होकर करेगा..!!

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लालच -आज की प्रेरक कहानी

किसी गाँव में एक धनी सेठ रहता था उसके बंगले के पास एक जूते सिलने वाले गरीब मोची की छोटी सी दुकान थी। उस मोची की एक खास आदत थी कि जो जब भी जूते सिलता तो भगवान के भजन गुनगुनाता रहता था लेकिन सेठ ने कभी उसके भजनों की तरफ ध्यान नहीं दिया ।
एक दिन सेठ व्यापार के सिलसिले में विदेश गया और घर लौटते वक्त उसकी तबियत बहुत ख़राब हो गयी । लेकिन पैसे की कोई कमी तो थी नहीं सो देश विदेशों से डॉक्टर, वैद्य, हकीमों को बुलाया गया लेकिन कोई भी सेठ की बीमारी का इलाज नहीं कर सका । अब सेठ की तबियत दिन प्रतिदिन ख़राब होती जा रही थी। वह चल फिर भी नहीं पाता था ।
एक दिन वह घर में अपने बिस्तर पे लेटा था अचानक उसके कान में मोची के भजन गाने की आवाज सुनाई दी, आज मोची के भजन कुछ अच्छे लग लग रहे थे सेठ को, कुछ ही देर में सेठ इतना मंत्रमुग्ध हो गया कि उसे ऐसा लगा जैसे वो साक्षात परमात्मा से मिलन कर रहा हो। मोची के भजन सेठ को उसकी बीमारी से दूर लेते जा रहे थे कुछ देर के लिए सेठ भूल गया कि वह बीमार है उसे अपार आनंद की प्राप्ति हुई ।
कुछ दिन तक यही सिलसिला चलता रहा, अब धीरे धीरे सेठ के स्वास्थ्य में सुधार आने लगा। एक दिन उसने मोची को बुलाया और कहा – मेरी बीमारी का इलाज बड़े बड़े डॉक्टर नहीं कर पाये लेकिन तुम्हारे भजन ने मेरा स्वास्थ्य सुधार दिया ये लो 1000 रुपये इनाम, मोची खुश होते हुए पैसे लेकर चला गया ।
लेकिन उस रात मोची को बिल्कुल नींद नहीं आई वो सारी रात यही सोचता रहा कि इतने सारे पैसों को कहाँ छुपा कर रखूं और इनसे क्या क्या खरीदना है? इसी सोच की वजह से वो इतना परेशान हुआ कि अगले दिन काम पे भी नहीं जा पाया। अब भजन गाना तो जैसे वो भूल ही गया था, मन में खुशी थी पैसे की।
अब तो उसने काम पर जाना ही बंद कर दिया और धीरे धीरे उसकी दुकानदारी भी चौपट होने लगी । इधर सेठ की बीमारी फिर से बढ़ती जा रही थी ।
एक दिन मोची सेठ के बंगले में आया और बोला सेठ जी आप अपने ये पैसे वापस रख लीजिये, इस धन की वजह से मेरा धंधा चौपट हो गया, मैं भजन गाना ही भूल गया। इस धन ने तो मेरा परमात्मा से नाता ही तुड़वा दिया। मोची पैसे वापस करके फिर से अपने काम में लग गया । ओर कुछ ही समय में फिर से अपने भजनों ओर दैनिक कार्यो में व्यस्त हो गया ।
शिक्षा:-
मित्रों ये एक कहानी मात्र नहीं है ये एक सीख है कि किस तरह पैसों का लालच हमको अपनी उन शक्तियों से दूर ले जाता है जिसने हमारे जीवन को खुश और सफल बना रखा होता है ।
हाँ, अगर आप अपने पास आये धन को अपने दिमाग में न घुसने दे, उसे किसी सद्कर्म में लगा सके या कहीं इन्वेस्ट कर दे पर अपने दिमाग पर हावी न होने दे। तो फिर आपकी जीवन की गति सुचारू रूप से चलती रहेगी। ओर आप अपने जीवन को एक सही दिशा दे सकेंगे।
भगवान सभी को सद्बुद्धि दे।

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