बच्चों के लिए लघु हास्य कविताएं | Chhote Bacchon Ke Liye Poem (Kavita)
बच्चों के लिए लघु हास्य कविताएं | Chhote Bacchon Ke Liye Poem (Kavita)
Chhote Bacchon Ke Liye Poem: छोटे बच्चों को सिखाने का सबसे सरल माध्यम होता है कि, उन्हें कविताएं पढ़कर या उन्हें सुना कर दिखाया जाए। कविता के माध्यम से बच्चे काफी जल्दी समझते हैं और सीखने को ही मिलता है। कविता के माध्यम से बच्चे का मनोरंजन करने के लिए कविताएं सबसे अच्छा माध्यम होती है, लेकिन आज के समय में बच्चों को माता-पिता द्वारा कविताओं को पढ़ाना और उन्हें याद कराना सबसे कठिन काम होता है।
लघु हास्य कविताएं
माता पिता अक्सर इसी उलझन में रहते हैं कि, उन्हें किस तरह से बच्चों को सिखाएं और कविताएं पढाये। आज हम आपके इस आर्टिकल में कुछ ऐसे ही कविताएं लेकर आ रहे हैं, जिसके माध्यम से आप अपने बच्चों को आसानी से कविताएं पढ़कर सुना सकते हैं और उनका मनोरंजन भी कर सकते हैं।
बच्चों के लिए सबसे बेहतर कविता का चुनाव कैसे करें
बच्चों को किसी भी तरह की कविताओं को सुनाने से पहले कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। बच्चों को सभी तरह की कविताओं को नहीं सुनाया जा सकता है। यह वही बच्चों को कविता सिखाने का मुद्दा यही होना चाहिए कि, उन्हें वह समझ में आए और उन्हें अच्छी लगे उन कविताओं को सुनकर वह काफी खुश होता कि, आगे चलकर उन्हें उससे प्रेरणा दायक चीजें भी मिले सके।
- अभिभावक अपने बच्चे को पहली बार कविता पढ़ा रहे हैं, तो यह ध्यान रहे कि, वह कविता बेहद छोटी और सरल होनी चाहिए।
- कविताओं का चयन करते वक्त ध्यान रखें कि कविता सकारात्मक होनी चाहिए।
- शुरुआत में ऐसी कविताओं का चयन करें जो चित्रात्मक हो।
- ऐसी कविताओं का चयन करने की कोशिश करें जिनके अर्थ को खेल-खेल में समझाया जा सके।
- अभिभावक लघु कविता के साथ-साथ हास्य कविता भी चुन सकते हैं।
- दैनिक जीवन से प्रेरित कविताओं का भी चुनाव किया जा सकता है।
हास्य कविता बच्चों के लिए
हम आपको यहां पर कुछ ऐसी ही बच्चों की हास्य कविताएं लेकर आए हैं, जिन्हें पढ़कर आप और आपके बच्चे दोनों ही खुश होने वाले हैं, जिसे आप अपने बच्चों को पढ़ा सकते हैं और इन कविताओं को सुना सकते हैं। इसमें कई तरह की कैटेगरी मैं बच्चों को हास्य कविताएं मिलने वाली है जो, बहुत ही प्रेरणादायक बच्चे बचपन से ही है बहुत से हरकतें करते हैं, जो बहुत ही मजेदार और सराहनीय होती है। उनके भोलेपन को दर्शाती है वह छोटे बच्चे बहुत ही नटखट प्यारे होते हैं। इसलिए उन्हें इस तरह की कविताएं भी काफी पसंद आने वाली है।
Chhote Bacchon Ke Liye Poem
बिल्ली को जुकाम है
बिल्ली बोली–बड़े जोर का हुआ मुझ को जुकाम,
चूहा चाचा, चूर्ण दे दो
हो जाए जल्दी आराम।
बोला – चूहा, बतलाता हूं
दवा एक बेजोड़।
आगे से अब चूहे खाना
बिल्कुल ही दो छोड़!
पेड़ भी अगर चलते होते
पेड़ भी अगर चलते होते,
मजे कितने हमारे होते,
तने में बांध उसके रस्सी,
जहां चाहे कहीं ले जाते।
जहां कहीं भी धूप सताती,
नीचे उसके जट सुस्ताते,
जहां कहीं वर्षा हो जाती,
नीचे उसके हम छुप जाते।
भूख लगती यदि अचानक,
तोड़कर फल उसके हम खाते,
आ जाती बाढ़-कीचड़ कहीं तो,
ऊपर उसके झट चढ़ जाते।
पेड़ भी अगर चलते होते,
मजे कितने हमारे होते!
बादल आए
आसमान पर बादल छाए,
लेकर बारिश बादल आए।
गढ़-गढ़-गढ़-गढ़ की धुन में,
ढोल-नगाड़े बादल बजाए।
चमके बिजली चम-चम, चम-चम,
छम-छम बादल नाच दिखाए।
सन-सन, सन-सन चले हवाएं,
मधुर गीत बादल सुनाए।
टप-टप, टप-टप बूंदे टपके,
झमाझम जल बादल बरसाए।
कल-कल, कल-कल बोले झरने,
बहते इनमें बदल जाए।
लगे चेहरे हंसने-मुस्कुराने
खुशियां इतनी बादल लाए।
कहता पर्वत
कहता पर्वत
उठाकर शीशा
बन जाओ ऊंचे तुम भी।
कहता सागर लहरा कर
गहराई मन में लाओ तुम भी।
समझ रहे हो
कहती क्या है,
गिर-गिर, उठ-उठ तरल तरंगे।
भर लो-भर लो मन में अपने,
मीठी-मीठी मृदुल उमंगे।
कहती धरती,
छोड़ो ना धैर्य
कितना ही हो भार सिर पर।
कहता है नभ
इतना फैलो
ढक लो तुम संसार सारा।
घर चिड़िया का
चिड़िया, ओ चिड़िया,
तेरा घर है कहां?
आती है उड़ उड़,
जहां से फर फर!
चिड़िया, ओ चिड़िया
तेरा घर है कहां?
जाती है उड़ उड़,
जहां को फर फर!
खड़ा है बन में जो,
बड़ा सा तरुवर!
बना है उसी पर,
खर-पातों वाला घर!
आती हूं उड़-उड़,
वहीं से फर फर!
जाती हूं उड़-उड़,
वही को फर फर!