अनुशासन का महत्त्व पर निबंध

विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्त्व पर निबंध | Essay on Importance of Discipline

विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्त्व पर निबंध | Essay on Importance of Discipline

Discipline : अनुशासन सभी मनुष्य के जीवन में काफी अनिवार्य होता है, यदि मनुष्य ने अनुशासन के साथ जीवन जीता है तो वह हमेशा खुश और संपन्न रहता है. खुशहाल जीवन के लिए अनुशासन में होना काफी आवश्यक होता है. इसके बिना हम जीवन नहीं जी सकते हैं.

अनुशासन का महत्त्व पर निबंध

अनुशासन का महत्त्व पर निबंध

आपको बता दें की यदि मनुष्य के इवन में अनुशासन जीवन यापन करने का और मानव की तरक्की का मूल मंत्र होता है. यदि कोई छात्र अनुशासन के साथ पढ़ाई करता है तो वह शिक्षा के क्षेत्र में उन्नति करता है. वही अनुशासन के साथ यदि कोई व्यवसाय किया जाए तो, वह भी उस में तरक्की करता है .इसके साथ ही यदि अनुशासन में रहकर स्वास्थ्य पर ध्यान दिया जाए तो, वह व्यक्ति कभी बीमार नहीं होता है. आज हम आपको इस लेख में अनुशासन पर लिखे जाने वाले निबंध और अनुशासन के महत्व को समझाने वाले है.

कई बार छात्रों को अनुशासन पर निबंध लिखने के लिए दिया जाता है, उसके लिए हम आपको यहां पर कई तरह के अनुशासन से संबंधित निबंध बताने जा रहे हैं, उसके पहले आपको अनुशासन के महत्व को समझाते है.

अनुशासन का अर्थ और महत्व

अनुशासन दो शब्दों से मिलकर बना है- अनु और शासन। अनु उपसर्ग है जो शासन से जुड़ा है और जिससे अनुशासन शब्द बना है। जिसका अर्थ है- किसी नियम के अधीन रहना या नियमों के शासन में रहना। हमारे जीवन के हर एक काम के लिए बेहतर अनुशासन की आवश्यकता होती है। पारिवारिक और सामाजिक जीवन में तो कहीं ज्यादा अनुशासन की आवश्यकता होती है। यदि अनुशासन का पालन नहीं किया जाए, तो जीवन पूरी तरह खत्म हो जाएंगा। वही अगर हम बात करे अपने इतिहास की तो आपको कई ऐसे उदाहरण मिल जाएंगे जिसमें अनुशासन की बदौलत ही किसी लक्ष्य को पाया होगा। यह एक कटु सच्चाई है कि अनुशासन के बिना सफलता नहीं हासिल की जा सकती। जिस देश के लोग अनुशासित हैं, जहां की सेना अनुशासित है, वह देश निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर होता रहेगा, वह सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ता रहेगा।

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अनुशासन पर निबन्ध

अनुशासन का महत्व 100 शब्द

हर एक मनुष्य के जीवन में अनुशासन होना बहुत ही जरूरी है, जिस व्यक्ति में अनुशासन नहीं होता वह अनुशासनहीन कहलाता है। जीवन में सफल व्यक्ति बनने के लिए अनुशासन का महत्व होना बहुत ही आवश्यक है।जो भी कार्य हम सही समय पर करते हैं और जिस ढंग से करते हैं उस पर से हमारा अनुशासन का पता चलता है। बचपन से ही बच्चों में अनुशासन होना बहुत ही जरूरी है, विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का बड़ा महत्व होता है। जीवन का मूल मंत्र अनुशासन का महत्व है। गांधीजी के जीवन में अनुशासन का महत्व बहुत ही था, वह जीवन में अपना हर कार्य समय के साथ और दिनचर्या का कठोरता के साथ पालन करते थे।

अनुशासन पर निबंध: 250 शब्द

अनुशासन होना हर मनुष्य के जीवन में बहुत ही आवश्यक है, अनुशासित व्यक्ति के अंदर आज्ञाकारी का गुण होता है। अनुशासन पूरे जीवन में बहुत ही महत्व का होता है और साथ ही सभी कार्य में इसकी जरूरत होना बहुत ही आवश्यक है। किसी भी प्रोजेक्ट पर गंभीरता से कार्य करने के लिए अनुशासन होना बहुत ही आवश्यक है अगर हम अपने वरिष्ठ की आज्ञा का पालन नहीं करते तो, हमें आगे चलकर परेशानियों का सामना करना पड़ता है और हमें असफलता प्राप्त होती है। यही वजह है कि Anushasan ka Mahatva हर मनुष्य की जिंदगी में होना जरूरी है।

जीवन में आगे बढ़ने के लिए हमें हमेशा अनुशासन में रहना चाहिए , अपने माता-पिता एवं शिक्षकों के आदेशों का पालन करना चाहिए। अनुशासन हमारे रोज की दिनचर्या में होना जरूरी है, सुबह जल्दी उठ कर ,पानी पीकर ,शौचालय जाना चाहिए फिर दांतों को साफ करके, नहाना चाहिए और नाश्ता करने के बाद स्कूल जाना चाहिए। साथ ही हमारे आसपास स्वच्छता और सफाई रखना बहुत ही आवश्यक है।

अपने माता पिता को हमेशा खुश रखना चाहिए, उन्हें कभी भी दुखी नहीं करना चाहिए। हमें स्कूल में समय पर पहुंच जाना चाहिए और अच्छे से यूनिफॉर्म और तैयार होकर जाना चाहिए।नियम के अनुसार प्रार्थना करना चाहिए और शिक्षकों की आज्ञा का पालन करना बहुत ही आवश्यक है। अपना कार्य खुद ही करना चाहिए और पाठ को अच्छे से याद रखना और लिखावट साफ सुथरी होना बहुत ही अनिवार्य है।

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हमें हमेशा चौकीदार ,शिक्षक या हमसे बड़े लोगों के साथ अच्छे से बर्ताव करना चाहिए और उनका सम्मान करना चाहिए। हमेशा सफल इंसान बनने के लिए अनुशासन होना बहुत ही जरूरी है । जिस व्यक्ति में अनुशासन है वह जीवन में कहीं सारी उपलब्धियां प्राप्त कर सकता है।

250 शब्दों में विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध

विद्यार्थी, जीवन का महत्वपूर्ण चरण जब हम बाल्यावस्था से निकल कर शिक्षा ग्रहण करने जाते है। इस काल में हम जीवन की मजबूत नींव रखना शुरू करते है और वह सारी चीजें सीखना शुरू करते है, जिससे हमारा सम्पूर्ण जीवन सफल और सुखमय बना सके। विद्यार्थी जीवन में अनुशासन अनिवार्य गुण होता है, इसके बिना सफलता असंभव है।

अनुशासन जीवन को व्यवस्थित और आपके को समय उद्देशयपूर्ण बनाता है। इसके आभाव से अपरिपक्व विद्यार्थी पथ से भटक सकते है और अपना कीमती समय बर्बाद कर लेते है। इसके बिना सपनों को सच करना असंभव है।

आज विद्यार्थियों की दशा दयनीय होती जा रही है, इसके लिए उत्तरदायी है हमारा नकारात्मक होता समाज। आज विद्यार्थी की अनुशासनहीनता गंदे परिवेश की उपज है। हमारी आधुनिक शिक्षा प्रणाली चरित्र निर्माण, नैतिक शिक्षा, उच्च संस्कार और जीवनशैली से कोशों दूर हो गई है। समाचार पत्र, टेलीविजन, चलचित्र इत्यादि में नकारात्मकता और उत्तेजना को भड़काने वालों का उदाहरण बन गया है। विद्यार्थी अभिनेताओं की नक़ल करने लगे है, उनकी नकारत्मकता उन्हें प्रेरित करती है। वे अभिनेताओं के अभिनय को सच मानने लगे है। शिक्षा संस्था में राजनीति भी अनुशासनहीनता का एक प्रमुख कारण है।

विद्यार्थी जीवन, जीवन का निर्माण का समय होता है। इस समय जीवन को अनुशासित और उद्देश्यपूर्ण बनाना आवश्यक होता है। इसके लिए सभी को आगे आना होगा और विद्यार्थियों को बेहतर परिवेश देना होगा।

अनुशासनहीन विद्यार्थी समाज के लिए खतरा बन सकता है। अतः उन्हें अनुशासित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने होंगे। विद्यार्थियों को भी अनुशासन के महत्व को समझकर स्वयं को अनुशासित करना चाहिए।

 

अनुशासन का महत्व – 500 शब्द

अनुशासन दो शब्दों का मिश्रण करके बना है: अनुशासन।अनुशासन का यह अर्थ है कि अपने विकास के लिए कुछ नियम निर्धारित करना और उस नियम का रोजाना पालन करना चाहे वह नियम हमें पसंद हो या ना हो इसी को हम अनुशासन का महत्व कहते हैं। अगर हम अपने जीवन में नियम के साथ नहीं जीते या चलते तो हमारा जीवन व्यर्थ है।अनुशासन का महत्व सीखने के लिए सबसे बड़ा उदाहरण प्रकृति का है। सूरज हमेशा अपने नियमित समय पर उगता है और नियमित समय पर ही ढल जाता है, नदियां हमेशा बहती ही रहती है, गर्मी ,ठंड या बारिश का मौसम अपने नियमित समय पर आते हैं और चले जाते हैं। अगर किसी भी रूप से प्रकृति अपने काम नियमित ना करें तो मानव जाति का विनाश हो जाएगा, ठीक उसी तरह हमें भी अपने काम नियमित रूप से ना करे तो हमारा जीवन भी पतन हो जाएगा।मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, जो समाज में रहता है और समाज में रहने के लिए अनुशासन का होना बहुत ही आवश्यक है।

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अनुशासन हमारे जीवन में सफलता की सीढ़ी है जिस पर चढ़कर या उसके सहारे हम कोई भी मंजिल को अपने जीवन में हासिल कर सकते हैं। विद्यार्थी के जीवन में अनुशासन का बहुत ही महत्व है क्योंकि यह वह पड़ाव है जहां वह जीवन में सब कुछ सीखते हैं, छोटू से प्यार, बड़ों का आदर, समय का पक्का ,नियम का पालन करना आदि। अनुशासन सबसे ज्यादा खेलों में अपनी भूमिका अदा करता है। अनुशासन कई लोगों के जीवन में जन्म से ही मौजूद होता है और कुछ लोगों को अपने जीवन में उत्पन्न करना पड़ता है। अनुशासन दो प्रकार का होता है : पहला जो किसी के जीवन में जबरदस्ती से लाया जाए और लोगों पर धक्के से थोपा जाए यह बाहरी अनुशासन कहलाता है।

दूसरा अनुशासन वह है जो लोगों में पहले से ही विद्यमान होता है वह आंतरिक अनुशासन कहलाता है। जब भी कोई भी मनुष्य अपना हर काम समय से करेगा और व्यवस्थित तरीके से करेगा तो सफलता अवश्य उसके कदम चूमेगी और वह अपने लक्ष्य को हासिल कर सकता है। अनुशासन में रहने के तरीके: अपना किसी भी प्रकार के कार्य को आज ही पूरा करने का प्रयास करें कल करने के लिए ना छोड़े, रोज सही और अच्छी दिनचर्या का पालन करने का प्रयास करें, जीवन का हर एक कार्य पूरी लगन और मेहनत के साथ करें, बुरे कामों और बुरी आदतों से दूर रहे।

अनुशासन के बिना मनुष्य का जीवन आधा अधूरा है, जीवन में सफलता की कुंजी अनुशासन है। अनुशासन के आधार पर हमारे जीवन का भविष्य तय होता है।अनुशासन की राह पर चलना थोड़ा मुश्किल होता है ,परंतु इस राह पर चलने के बाद मिलने वाला फल बहुत ही स्वादिष्ट और मीठा होता है।अनुशासन बहुत डोर है जो हमें आकाश की बुलंदियों को छूने के लिए मदद करती है , जैसे डोर के बिना पतंग आसमान में उड़ नहीं सकती ठीक उसी प्रकार बिना अनुशासन के हम कभी भी जीवन में सफलता प्राप्त नहीं कर सकते।

 

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