पर उपदेश कुशल बहुतेरे का प्रयोग Par Updesh Kushal Bahutere, देखे उदाहरण सहित
पर उपदेश कुशल बहुतेरे का प्रयोग Par Updesh Kushal Bahutere, देखे उदाहरण सहित
Par Updesh Kushal Bahutere: आज के समय में सभी महात्मा लोग कई तरह के मार्गदर्शन प्रदान करते हैं और साथ ही उपदेश देते हैं। यह उनके जीवन में कई तरह की घटनाएं होती हैं जो कि, उनसे लोगों को भी काफी कुछ सीखने को मिलता है। इस तरह के लोग जब भी अपने सामने कुछ गलत होते हुए देखते हैं तो, वह उपदेश भी देते हैं इस तरह से किसी व्यक्ति को दूसरों को उपदेश देना आसान लगता है। वही दूसरों को उपदेश देने लगते हैं तब मुहावरों का प्रयोग किया जाता है।
पर उपदेश कुशल बहुतेरे
वहीं पर आज मुहावरे काफी ज्यादा प्रयोग में भी उपयोग में आते हैं। कई बार तो मुहावरों का उपयोग करते हुए व्यक्ति दूसरे को अपनी बात समझाने का भी क्वेश्चन रखता है। आज हम आपको एक ऐसे ही उपदेश और मुहावरे के बारे में बताने जा रहे हैं जो कि, तुलसीदास जी द्वारा लिखा गया है। गोस्वामी तुलसीदास जी ने कई तरह के उपदेश अपने जीवन में दिए हैं उन्हीं में से एक है,
“पर उपदेश कुशल बहुतेरे जे आचरहिं ते नर न घनेरे” अर्थात औरों को उपदेश देना बेहद आसान है। मगर खुद उन बातों को जीवन में उतारना कोई नहीं चाहता। व्यक्ति के दोगले चरित्र को लेकर उनकी यह उक्ति हैं। आज का निबंध गोस्वामी जी की पर उपदेश कुशल बहुतेरे पर ही दी गई हैं।
सामान्य रूप से इन्सान भी बनावटी प्रकृति का होता है, तथा यह प्रकृति तब तक सहनीय होती है। जब तक उससे सम्बन्धित गुण विद्यमान रहते हैं, लेकिन किसी व्यक्ति में इस तरह के गुणों का अभाव होने के बाद भी दिखावा करना असहनीय बोझ होने लगता हैं।
शीर्षक पंक्ति का सन्दर्भ गोस्वामी तुलसीदास की सर्वाधिक महत्वपूर्ण कृति रामचरितमानस में वर्णित मेघनाद की मृत्यु के बाद शोक संतप्त विलाप करती मन्दोदरी को रावण द्वारा किये जाने वाले सांत्वना के प्रसंग से सम्बन्धित हैं।
पर उपदेश कुशल बहुतेरे मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग कुछ इस तरह से होगा –
- सडक पर पडे एक व्यक्ति के सिर से खुन निकल रहा था और सभी वहा पर उपदेश दे रहे थे किसी को उस व्यक्ति की चिंता नही थी सच है पर उपदेश कुशल बहुतेरे ।
- पडोस मे आग लग गई और तुम यहां पर नेकी का उपदेश दे रहे हो आग भुजाने के लिए प्रयत्न कर नही रहे सच है पर उपदेश कुशल बहुतेरे ।
- दुनिया के लोग भी आज कल अजीब हो गए है सभी सोसल मिडिया पर ज्ञान बाटने के लिए बैठे है पर स्वयं सही चल नही रहे यही है पर उपदेश कुशल बहुतेरे ।
- सेठ हर दम दुसरो का बुरा करना चाहता है और मुझे बुरा न करने का ज्ञान दे रहा है सच है पर उपदेश कुशल बहुतेरे ।
- जब मुजरीम से गलत कार्य न करने की बात सुनी तो राहुल ने कहा पर उपदेश कुशल बहुतेरे ।
- जब देखो रामू उपदेश देने के लिए पहुंच जाता है और अपने उपदेश पर स्वयं ही नही चलता सच ही है पर उपदेश कुशल बहुतेरे ।