रावण संहिता [PDF] Sampurna Ravan Samhita PDF Free Download
रावण संहिता [PDF] Sampurna Ravan Samhita PDF Free Download
रामायण के राम और रावण को तो सभी जानते हैं, जिस तरह से राम भगवान का रूप कह रहे थे. उसी तरह से रावण को एक राक्षस के रूप में देखा गया था, जिसका वध श्री राम द्वारा किया गया था, लेकिन आपको बता दें कि, रावण एक काफी बड़ा विद्वान भी था, जिससे प्रखंड पंडित के रूप में भी जाना जाता था उसमें ज्योतिष एवं तंत्र विद्या के सभी गुण समाहित थे.
रावण संहिता
उसी तरह से रावण द्वारा रावण संहिता की रचना भी की गई थी, जिसमें उसने ज्योतिष एवं तंत्र विद्या से संबंधित मंत्रों के रूप में ज्ञान का भंडार समाहित किया है. रावण यह भली-भांति जानता था कि, मंत्रों में काफी शक्ति होती है और मंत्र जप से भी रावण भगवान शिव को भी प्रसन्न किया था. बताया जाता है कि, रावण भगवान शिव का परम भक्त होने के साथ-साथ ही महान तांत्रिक ज्योतिष भी था. रावण संहिता में रावण की तंत्र विद्या और ज्योतिष का सहारा मिलता है और यह कई तरह के ज्योतिष रहस्य को भी खुलता है. कुछ ऐसे उपाय बीच में बताए गए हैं जिनसे आपकी किस्मत के ताला आसानी से खुल सकते हैं.
रावण संहिता पढने के लाभ
यदि आप रावण संहिता को पढ़ते हैं तो इससे आपकी आमदनी में तेजी से बढ़ोतरी होगी और कुबेर का मंत्र से भी धन-धान्य की प्राप्ति होती है.
रावण ने ही शिव तांडव स्त्रोत और शिव संहिता की रचना की थी। रावण संहिता में रावण के धनवान होने का राज सहित ऐसे तंत्र-मंत्र के बारे में भी लिखा है, जिससे गुप्त और गड़ा धन आपको मिल सकता हैं। ये बातें ‘रावण संहिता’ में हैं, जिसमें रावण ने उसके धनवान होने का राज, “धन प्राप्ति के अचूक व शक्तिशाली उपाय” बताए हैं! असुरों का सम्राट होने के बावजूद भी रावण एक महाज्ञानी पंडित और शास्त्रो में पारंगत था। माना जाता है कि सौरमंडल के सम्पूर्ण ग्रह रावण के इशारों पर चला करते थे, कोई भी ग्रह रावण के विरुद्ध कार्य नहीं कर सकता था।
रावण ने किया था सभी ग्रहों को वश में
यहां तक की मेघनाद के जन्म के पूर्व जब वह अपनी माता मंदोदरी के गर्भ में था, तब रावण ने उसे अमर बनाने के लिए सभी नक्षत्रों को एक स्थिति में ला दिया था।
इस दौरान सभी ग्रहों ने रावण के निर्देशानुसार कार्य किया, लेकिन केवल शनि ने स्थान परिवर्तन कर दिया, जिसके चलते मेघनाद को अमर बनाने की रावण की चेष्टा पूर्ण नहीं हो सकी। और इसी कारण मेघनाद यशस्वी, पराक्रमी, अविजित योद्धा होने के बावजूद अल्पायु का हो गया।
रावण संहिता के चमत्कारी उपाय:
रावण संहिता के अनुसार धन प्राप्ति के इच्छुक व्यक्ति को प्रातः शीघ्र उठना चाहिए। अपने नित्य कर्मो आदि से निर्वित होकर, नदी या जलाशय जाकर स्नान करना चाहिए। स्नान करने के बाद उसे किसी ऐसे वृक्ष के नीचे आसन लगाकर बैठना चाहिए, जहां शांत वातावरण हो।
– आसन में बैठने के बाद रुद्राक्ष की माला के साथ ‘ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं नम: ध्व: ध्व: स्वाहा’ मन्त्र का जाप करें। ऐसे में यदि 21 दिन तक लगातार इस मंत्र का जाप करने के बाद यदि आप इस मंत्र को सिद्ध कर लेंगे, तो माना जाता है कि आपके जीवन में धन प्राप्ति के योग बनने लगेंगे।
– वहीं धन प्राप्ति में बार-बार रुकावटों का सामना कर रहे लोगों को लगातार 40 दिनों तक ‘ॐ सरस्वती ईश्वरी भगवती माता क्रां क्लीं श्रीं श्रीं मम धनं देहि फट् स्वाहा’ मंत्र का जाप करना चाहिए।
यह महालक्ष्मी से संबंधित मंत्र है और यह माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने वाला तांत्रिक उपाय है। कहा जाता है कि इस मंत्र का नियमित जाप मात्र कुछ ही दिनों में आपके धन से संबंधित सभी समस्याओं का समाधान कर देगा।
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