Shri Hanuman Ji Ki Aarti – Shri Hanuman Ji Ki Aarti Lyrics आरती कीजै हनुमान लला की
Shri Hanuman Ji Ki Aarti – Shri Hanuman Ji Ki Aarti Lyrics आरती कीजै हनुमान लला की
Shri Hanuman Ji Ki Aarti: हिंदू धर्म के मुताबिक किसी भी देवी-देवताओं का भोजन करने के बाद उनकी आरती जरूर की जाती है. आरती किसी भी पूजा और विधि विधान का प्रमुख अंग माना जाता है. इसके बिना कोई भी पूजा पूरे नहीं होती है जो भक्त श्रद्धा भाव से भगवान की पूजा अर्चना करता है और आरती करता है, उसके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं.
हनमानजी की आरती का महत्व
उसी तरह से जो भक्त श्रद्धा भाव से हनुमान चालीसा का पाठ करने के बाद हनुमान जी की पूजा करने के बाद हनुमान जी की आरती करता है. उनके सभी कष्ट दूर होते हैं आज हम आपको बताएंगे की आरती कैसे की जाती है.
यह तो हम जानते हैं कि, पूजा पाठ करने से मन में सकारात्मक ऊर्जा आने लगती है. शरीर सकारात्मक उर्जा से तरफ तो हो जाता है कोई भी पूजा है साधना बिना आरती के स्वीकार नहीं की जाती है. आरती करने से भगवान भी खुश होते हैं और अपने भक्तों की परेशानियों को दूर करते ही वह अगर आपकी जिंदगी में लगातार परेशानी आ रही है तो, आप को संकट मोचन हनुमान जी की पूजा अवश्य करनी चाहिए इससे आपके जीवन में नकारात्मक शक्तियां दूर होती है और भगवान के प्रति आस्था बढ़ती है.
आरती से पहले पूजा जरूर
आप चाहिए हनुमान जी की पूजा कर रही है और किसी और भगवान की और आपको पूजा करने के बाद ही आरती करना चाहिए. आरती पहले कभी नहीं की जाती अगर भगवान जी की आरती करना चाहते हैं. सबसे पहले इनकी पूजा कीजिए पूजा संपूर्ण होने के बाद ही हनुमान जी की आरती श्रद्धा भाव से कीजिए.
हनुमान जी की आरती करना भी आवश्यक माना गया है, हिंदू धर्म में मान्यता है कि, बिना आरती की है कोई भी पूजा पूर्ण नहीं मानी जाती है तो, जब भी आप हनुमान जी की पूजा अर्चना करें. उसके बाद हनुमान जी की आरती जरूर करें.
कपूर या घी के दीपक से कीजिए आरती
हनुमान जी की आरती करते समय आप अपनी आरती की थाली में कपूर या घी के दिये से आरती कर सकते हैं।
पंचमुखी होना चाहिए दीया
अगर आप हनुमान जी की आरती दिये से कर रहे हैं तो आपका दिया पंचमुखी होना चाहिए।
आरती की थाली में फूल और कुमकुम आवश्यक
हनुमान जी की आरती के थाली में फूल और कुमकुम रखना चाहिए क्योंकि ऐसा माना जाता है कि हनुमान जी को कुमकुम बेहद प्रिय है।
लाल रंग का रखें फूल
आरती की थाली में हनुमान जी की पूजा करने के लिए लाल फूल रखें। अगर आपके पास लाल फूल नहीं है तो आप गेंदे का फूल भी रख सकते हैं। अक्सर हनुमान जी को गेंदे के फूल की माला अर्पित की जाती है।
हनुमान जी की आरती, करते समय चार बार आरती की थाली को उनके चरणों पर घुमाइए, फिर उनके नाभि के पास दो बार घुमाइए। नाभि के बाद उनके चेहरे के सामने एक बार आरती की थाली को घुमाइए फिर अंत में पूरे शरीर पर सात बार आरती की थाली घुमाइए।
प्रसाद का भोग लगाये रखें
पूजा और आरती में हनुमान जी का प्रिय प्रसाद शामिल करें। इसमें फलों के साथ मिठाई जरूर रखें। चूरमा, भीगे हुए चने या गुड़ भी प्रसाद में रखा जा सकता है।
Shri Hanuman Ji Ki Aarti
हनुमान जी की आरती –
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।
जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके।।
अंजनि पुत्र महाबलदायी। संतान के प्रभु सदा सहाई।
दे बीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारी सिया सुध लाए।
लंका सो कोट समुद्र सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई।
लंका जारी असुर संहारे। सियारामजी के काज संवारे।
लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे। आणि संजीवन प्राण उबारे।
पैठी पताल तोरि जमकारे। अहिरावण की भुजा उखाड़े।
बाएं भुजा असुर दल मारे। दाहिने भुजा संतजन तारे।
सुर-नर-मुनि जन आरती उतारे। जै जै जै हनुमान उचारे।
कंचन थार कपूर लौ छाई। आरती करत अंजना माई।
लंकविध्वंस कीन्ह रघुराई। तुलसीदास प्रभु कीरति गाई।
जो हनुमानजी की आरती गावै। बसी बैकुंठ परमपद पावै।
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।