कहानी लेखन हिंदी | Story Writing in Hindi | Kahani Lekhan hindi
कहानी लेखन हिंदी | Story Writing in Hindi | Kahani Lekhan hindi
Kahani Lekhan: दोस्तों यदि आज आप कहानी लेखन से संबंधित जानकारियां तलाश रहे हैं तो, इस लेख में हम आपको आज कहानी लेखन से संबंधित सभी तरह की जानकारी प्रदान करने वाले हैं। साथ ही कहानी लेखन की परिभाषा भी आपको बताएंगे और आप किस तरह से कहानी लेखन कर सकते हैं। इसके बारे में सभी जानकारियां दी गई है।
कहानी लेखन (Kahani Lekhan)
कहानी लेखन की परिभाषा कहानी लेखन में किसी भी घटना पात्र अथवा किसी तरह की समस्या का क्रमबद्ध छोरा देखना, जिसमें कथा का क्रमिक विकास होता हो उसे कहानी कहा जाता है। वास्तव में कहानी हमारे जीवन में इतनी करीब है कि, प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी रूप से कोई ना कोई कहानी जरूर सुनता है और उसे समझता है।
वही सरल शब्दों में कहा जाए तो, जीवन में या किसी काल्पनिक एक घटना का रोचक वर्णन कहानी कहलाती है। कहानी सुनने और लिखने का चलन सदियों से मानव जीवन का हिस्सा रहा है और इसमें कई तरह की बातों का वर्णन किया जाता है। यह मनोरंजन के साथ-साथ आपको शिक्षा और ज्ञान भी प्रदान करती है। वर्तमान समय प्रत्येक उम्र का व्यक्ति कहानी सुनना और पढ़ना पसंद करता है।
कोई व्यक्ति कहानियों को सुनना पसंद करता है तो, कोई व्यक्ति कहानियों को पढ़ना पसंद करता है, वहीं कहीं लोग कहानियां लिखना भी पसंद करते हैं। यही कारण है कि कहानी का महत्व आज दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है।
कहानी लेखन (Kahani Lekhan) कैसे करें ?
कहानी लिखना वैसे काफी सरल है, लेकिन आपको इसमें कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है। खाना लिखने के लिए यह आवश्यक है कि, आप ढांचे चित्र विषय के बारे में अच्छी तरह से सोच ले। यदि आप किसी चित्र पर कहानी लिख रहे हैं तो उसके बारे में संपूर्ण जानकारी एकत्र करें उसके बाद आप अपनी कहानी को दिलचस्प रूप दे सकते हैं। यदि वह एक लघु कथा है तो उसे छोटा ही रखना होता है वहीं यदि आप कहानी को बड़ा करना चाहते हैं तो इस में विस्तार से अपनी बातों का वर्णन कर सकते हैं।
कहानी लिखने के लिए कुछ आवश्यक ( Kahani Lekhan)
कहानी की शुरुआत काफी आकर्षक ढंग से होनी चाहिए ताकि लोगों को पढ़ने में ज्यादा रुचि रहे कहानी में संवाद छोटे होने चाहिए और ज्यादा बढ़े सुनवा दो का उपयोग नहीं करें कहानी का क्रमिक विकास होना चाहिए।
- कहानी कांति करते समय यह ध्यान रखें कि उसका अंत स्वाभाविक होना चाहिए।
- कहानी लेखन समय इस बात का जरूर ध्यान रखें की, कहानी का शीर्षक मूल कहानी का शीर्षक होना चाहिए और वह सारगर्भित हो।
- साथ ही कहानी की भाषा सरल और सारगर्भित होना चाहिए।
- साथ ही आपको कहानी लिखते समय कहीं भी और भी बातों का ध्यान रखना चाहिए, कहानी के अंदर आपके द्वारा उपयोग की गई कहीं विभिन्न घटनाओं तथा प्रसंगों को संतुलित विस्तार देना आवश्यक है। आवश्यक रूप से अधिक बढ़ा चढ़ा कर लिखना चाहिए।
- कहानी लिखते समय इस बात का भी जरूर ध्यान रखें कि, आपके कहानी का सार्थक एक माध्यम होना चाहिए और वह सारगर्भित हो जिससे कि आप कहानी के माध्यम से उपयुक्त एवं आकर्षक शिक्षा प्रदान कर सके कहानी सदैव भूतकाल में ही लिखी जाना चाहिए कहानी का अंत सहज ढंग से होना चाहिए।
रूपरेखा के आधार पर कहानी लेखन
कहानी लेखन की इस प्रक्रिया में कुछ संकेत दिए जाते है, जिन्हें आधार मानकर कहानी की रचना करनी होती है।
जैसे:- एक बूढ़ा, बीमार किसान, चार झगड़ने वाले पुत्र, किसान चिंतित, पुत्रों को बुलाया, लकड़ी का गट्ठर दिया, नहीं टूटा, एक लकड़ी टूट गई, एकता में बल है, आदि।
उपर्युक्त संकेतों को आधार मानकर उसे कहानी का रूप देने को ही ‘ढांचा/रूपरेखा के आधार पर कहानी लेखन’ कहते है।
चित्र के आधार पर कहानी लेखन का उदाहरण
यदि आप किसी चित्र को देखकर उसके बारे में कोई विस्तार से कहानी लिखना चाहते हैं तो, चित्र के आधार पर लिखी गई कहानी को चित्र कहानी लेखन कहां जाता है। इसके लिए चित्र को ध्यान में रखकर और उसकी तस्वीर को दिमाग में बिठा कर एक कहानी लिखी जाती है।
कहानी लेखन के विषय
कहानी लेखन के पराया अलग-अलग विषय हो सकते हैं जो, व्यक्ति जिस तरीके से कहानी लेखन करना चाहता है वह कर सकता है। वैसे अधिकतर कहानी किसी घटनाएं युद्ध परिस्थिति प्रतिशोध के किस्से एवं पौराणिक और ऐतिहासिक घटनाओं के आधार पर ही लिखी जाती है। इसके साथ ही कहानियां वास्तविक घटनाएं भी शामिल करती है जिन पर एक रुचिकर उपन्यास और कहानी लिखा जा सकता है।