Swami Vivekananda Books PDF स्वामी विवेकानंद जी की किताबें मुफ्त डाउनलोड करें
Swami Vivekananda Books PDF स्वामी विवेकानंद जी की किताबें मुफ्त डाउनलोड करें
Swami Vivekananda Books PDF: स्वामी विवेकानंद के बारे में आज की युवा जितना भी जानते हैं, वह काफी कम है शायद गाइड कम लोग यह जानते हैं कि, उन्होंने कई तरह की पुस्तकों की रचना की है जो कि आज आपको सही मार्गदर्शन दिखाने में भी मदद करती है। स्वामी विवेकानंद की रुचि अध्ययन के साथ-साथ संगीत साहित्य और दर्शन में भी थी। साथ ही उनका घुड़सवारी और कुश्ती का भी शौक था। स्वामी विवेकानंद ने 25 साल की उम्र में ही वेद पुराण बाइबल कुरान गुरु ग्रंथ साहिब पूंजीवाद अर्थशास्त्र राजनीतिक शास्त्र जैसे कई ग्रंथों का अध्ययन किया था।
स्वामी विवेकानंद
स्वामी विवेकानंद बचपन से ही बड़ी तीव्र बुद्धि के तेवर परमात्मा के पाने की लालसा भी उनके अंदर काफी प्रबल थी। इस हेतु है पहले ब्रह्मा समाज में गए किंतु वहां उन्हें के चित्र को संतोष नहीं हुआ, उसके बाद उन्होंने रामकृष्ण परमहंस की शरण ली और अपनी जिज्ञासा शांत करने के लिए ब्रह्म समाज के अलावा कहीं साधु-संतों के पास भटकते हुए उन्होंने अंत में रामकृष्ण परमहंस की शरण में गए, जहां पर उनके देश में होते थे उन्होंने प्रभावित किया, जिससे उनका जीवन बदल गया 881 में रामकृष्ण को उन्होंने अपने गुरु भी बनाया।
स्वामी विवेकानंद जब तक नरेंद्र थे बहुत ही तार्किक थे, नास्तिक थे, मूर्तिभंजक थे। रामकृष्ण परमहंस ने उनसे कहा भी था कि कब तक बुद्धिमान बनकर रहोगे। इस बुद्धि को गिरा दो। समर्पण भाव में आओ तभी सत्य का साक्षात्कार हो सकेगा अन्यथा नहीं। तर्क से सत्य को नहीं जाना जा सकता। विवेक को जागृत करो। विवेकानंद को रामकृष्ण परमहंस की बातें जम गईं। बस तभी से वे विवेकानंद हो गए। फिर उन्होंने कभी अपनी नहीं चलाई। रामकृष्ण परमहंस की ही चली।
स्वामी विवेकानंद ने कई देशो का भ्रमण किया
1886 में रामकृष्ण के निधन के बाद जीवन एवं कार्यों को उन्होंने नया मोड़ दिया। 25 वर्ष की अवस्था में उन्होंने गेरुआ वस्त्र पहन लिया। उसके बाद उन्होंने पैदल ही पूरे भारतवर्ष की यात्रा की। गरीब, निर्धन और सामाजिक बुराई से ग्रस्त देश के हालात देखकर दुःख और दुविधा में रहे। उसी दौरान उन्हें सूचना मिली कि शिकागो में विश्व धर्म सम्मेलन आयोजित होने जा रहा है, जहा पर उन्होंने अपना संबोधन दिया।
।
स्वामी विवेकानंद की पुस्तके कोंनसी है
स्वामी विवेकानंद ने अपने जीवन में कई तरह की पुस्तकों की रचना की है, उन्होंने कहा कि लंबे समय तक अलग-अलग जगहों का भ्रमण किया और अपने ज्ञान के अनुसार उन्होंने इस की रचनाएं की हैं, जिन्हें आज भी लोगों द्वारा पढ़ा जाता है.
- स्वामी विवेकानंद की संपूर्ण रचनाएं (9 खंड)
- राज-योग (1896)
- कर्म योग: क्रिया का योग (1896)
- ध्यान और उसकी विधियाँ
- Jnana-Yoga (1899)
- स्वामी विवेकानंद की शिक्षाएं
- स्वामी विवेकानंद अपने ऊपर
- वेदांत : वॉयस ऑफ फ्रीडम
- कोलंबो से अल्मोड़ा तक व्याख्यान
- भगवद गीता पर व्याख्यान
- स्वामी विवेकानंद द्वारा प्रेरित वार्ता
- स्वामी विवेकानंद के पत्र
- माई इंडिया: द इंडिया इटरनल
- मन की शक्तियाँ
- शिकागो के पते
- मेरे गुरु
- हिन्दू धर्म की अनिवार्यता
- स्रोत पर रहना
- शिक्षा का मेरा विचार
- वर्क एंड इट्स सीक्रेट
- प्राप्ति के चरण
- भारत के युवाओं को
- ज्ञान के मोती
- भारत की महिलाएं
- मृत्यु के बाद जीवन
- पूर्व और पश्चिम
- प्रेम का धर्म
- खुशी के रास्ते: भगवान के चार योग पथों पर मास्टर विवेकानंद
Swami Vivekananda Books PDF
कर्मयोग- ज्ञानयोग
- भक्तियोग
- प्रेम योग
- हिन्दू धर्म
- मेरा जीवन तथा ध्येय
- जाति, संस्कृति और समाजवाद
- वर्तमान भारत
- पवहारी बाबा
- मेरी समर – नीति
- जाग्रति का सन्देश
- भारतीय नारी
- ईशदूत ईसा
- धर्मतत्त्व
- शिक्षा
- राजयोग
- मरणोत्तर जीवन